रुद्राक्ष वृक्ष से धनात्मक ऊर्जा की उत्पत्ति होती है | यह ऊर्जा आस-पास के स्थान को शुभ एवं अनुकूल बनाने में सहायक होती है | मान्यतानुसार रुद्राक्ष वृक्ष सभी प्रकार के नकारात्मक वातावरण को शुद्ध करने में सक्षम होता है | जिस स्थान पर रुद्राक्ष वृक्ष होता है वहां खराब दृष्टि व अशुभता व्याप्त नही रहती है अतः वास्तुदोषों से उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करने के लिए रुद्राक्ष वृक्ष का रोपण उपयुक्त रहता है |
रुद्राक्ष वृक्ष से एक विशिष्ट ऊर्जा शक्ति निरंतर रूप से उत्पन्न होती रहती है जो कि त्रिदोषों को नष्ट करने में सहायक होती है | स्थान विशेष पर व्याप्त ऊपरी बाधा एवं खराब दृष्टियों को दूर करने में रुद्राक्ष वृक्ष से उत्पन्न दिव्य ऊर्जा प्रभावी होती है |
रुद्राक्ष वृक्ष से उत्पन्न दिव्य ऊर्जा स्थान विशेष की विद्युत तरंगों के असंतुलन को दूर करने में सहायक होती हैं|
बारह मुखी रुद्राक्ष के दो-दो दानों को यदि भूखण्ड के चारों कोनों में तथा दो दानों को भूखण्ड के ब्रह्मस्थल (केंद्र स्थान )पर न्यूनतम 3 ½ फीट गहराई में ताम्रपत्र ,रजतपत्र अथवा स्वर्ण में रखकर विधि-विधान से दबा दिया जाये तो वास्तुदोषों के निराकरण में सहायता मिलती है