भवन के लिए भूखण्ड के आकार का चयन
भवन निर्माण के लिए विभिन्न आकार के भूखण्ड मिलते हैं | वास्तुशास्त्र अनुसार विभिन्न आकारों के भूखण्ड के गुण , दोष एवं फल का विचार किया जाना अत्यन्त आवश्यक है |
शुभ फलदायक आकार के भूखण्ड |
१. वर्गाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड की लम्बाई और चौड़ाई बराबर हो और उसके चारों कोण समकोण हों तो उस भूखण्ड को वर्गाकार भूखण्ड कहा जाता है | यह भूखण्ड भवन निर्माण के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है | इस भूखण्ड पर भवन निर्माण कर निवास करने से धनलाभ व आरोग्य वृद्धि होती है | |
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२. आयताकार भूखण्ड :-जिस भूखण्ड की चार भुजाएं हों, आमने-सामने की भुजाएं बराबर हों तथा चारों कोण समकोण हों तो उस भूखण्ड को आयताकार भूखण्ड कहा जाता है | यह ध्यान रखें कि इस प्रकार के भूखण्ड की लम्बाई, चौड़ाई के दुगने से अधिक न हो | यह भूखण्ड भवन निर्माण के लिए श्रेष्ठ भूखण्ड है | इस भूखण्ड पर भवन निर्माण कर निवास करने से धन व आरोग्य वृद्धि होती है तथा सर्व कार्य सिद्ध होते हैं | |
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३. वृत्ताकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार एक वृत्त के आकार का हो तो उसे वृत्ताकार भूखण्ड कहा जाता है | यह भूखण्ड भी भवन निर्माण के लिये शुभ फलदायक होता है | |
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४. चतुर्भुजाकार भूखण्ड :- ऐसा भूखण्ड जिसके आमने-सामने वाले कोण बराबर हों, चतुर्भुजाकार भूखण्ड कहलाता है | इस प्रकार के भूखण्ड पर भवन निर्माण करके रहने से शुभ फल मिलते हैं | |
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५. षटकोणाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड की छह भुजाएं हों, और सारी भुजाओं की लम्बाई बराबर हो, तो उस भूखण्ड को षटकोणाकार भूखण्ड कहा जाता है | इसपर भवन बनाकर रहने से उन्नति होती है | |
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६. अष्टकोणाकार भूखण्ड :- जिसकी आठ भुजाएँ हों और आठों भुजाओं की लम्बाई बराबर हो | इसपर रहने से भी शुभता आती है | |
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७. गोमुखाकार भूखण्ड :– जिस भूखण्ड का आगे का भाग छोटा और पीछे का भाग बड़ा हो तो ऐसे भूखण्ड को गोमुखाकार भूखण्ड कहा जाता है | इस प्रकार के भूखण्ड पर आवासीय भवन निर्माण तो शुभ होते हैं परन्तु व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए अशुभ होते हैं | |
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८. सिंहमुखाकार भूखण्ड :- जिसका सामने का भाग बड़ा हो और पीछे का भाग छोटा हो | यह भूखण्ड व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए तो उत्तम है परन्तु आवास के लिए अशुभफलदायी है | |
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९. काकमुखी भूखण्ड :- जो भूखण्ड आगे से संकरा और पीछे से चौड़ा होता है | ये भी भवन निर्माण के लिए अच्छा होता है | |
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अशुभ फलदायक भूखण्ड |
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१. त्रिभुजाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड की तीनों भुजाएँ बराबर होती हैं | |
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२. चक्राकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड की आठ से ज्यादा भुजाएँ हों और वह वृत्ताकार भी न हो | |
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३. शकटाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार बैलगाड़ी की तरह होता है | |
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४. मृदंगाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार ढोलक के आकार का होता है | |
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५. पंखाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार हाथ के पंखे के सामान हो | |
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६. सर्पाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार सूप के आकार होता है | |
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७. धनुषाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार धनुष के आकार का होता है | |
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८. अंडाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार अंडे के जैसा होता है | |
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९. विषमबाहु भूखण्ड :- जिस भूखण्ड की सभी भुजाएं भिन्न-भिन्न नाप की हों | |
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१०. कुम्भाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार घड़े के समान हो | |
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११. अर्धवृत्ताकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार अर्धवृत्त के आकार का हो | |
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१२. मुसलाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार अर्धवृत्ताकार होकर मूसल के आकार में लम्बा हो | |
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१३. नलाकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार एक चतुर्भुज के आकार का हो, इसके चारों कोण समकोण हों एवं भूखण्ड की लम्बाई उसकी चौड़ाई के दुगने से अधिक हो | |
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१४. चिमटाकार भूखण्ड :- जो भूखण्ड एक ओर से छोटा और दूसरी ओर से बड़ा अर्थात चिमटे के आकार का हो | |
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१५. डमरूकार भूखण्ड :- जिस भूखण्ड का आकार डमरू के आकार का होता है | |
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