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Ganesh Ji Ke Vahan Mushak Ka Rahasya (गणेशजी के वाहन मूषक का रहस्य)

Ganesh Ji Ke Vahan Mushak Ka Rahasya (गणेशजी के वाहन मूषक का रहस्य)

Ganesh Ji Ke Vahan Mushak Ka Rahasya (गणेशजी के वाहन मूषक का रहस्य)- एक बार अमरावती में देवताओं की सभा हो रही थी | देवराज इन्द्र राज सिंहासन पर विराजमान थे | उस सभा में गन्धर्व राज क्रौच भी उपस्थित थे | किसी आवश्यक कार्यवश उन्हें सभा से जाना पड़ा | शीघ्रता के कारण गलती से उनका पाँव वहां बैठे महर्षि वामदेव से छू गया |

वामदेव ने इसे अपना अपमान समझा और क्रोधवश तुरन्त शाप दे दिया कि हे मूर्ख गन्धर्व तू इतना मदमस्त हो रहा है कि तूने शांत बैठे मुनि को लात मार दी | तू मूषक बन जा | श्राप सुनकर गन्धर्वराज भयभीत हुआ तथा मुनि के सामने रोने और गिडगिडाने लगा |

महर्षि वामदेव को उसपर दया आ गयी और उन्होंने कहा कि तू मूषक तो अवश्य बनेगा किन्तु गणेशजी का वाहन(vahan) बनने के कारण तू दुखी नही रहेगा | गन्धर्वराज शीघ्र ही मूषक बनकर महर्षि पराशर के आश्रम में जा गिरे | वह मूषक बहुत विशालकाय और भयानक दिखता था | महर्षि पराशर के आश्रम में उसने मिट्टी के बर्तनों को तोड़ दिया , अन्न खा लिया , पुस्तकें काट दी , वस्त्रों को हानि पहुचाई तथा फल फूलों के पौधों को भी काटने लगा |

महर्षि पराशर बहुत दुखी हुए किन्तु वे जीव हत्या नही करना चाहते थे | उन्होंने भगवान गजानन से निरंतर प्रार्थना की तथा गणेशजी ने प्रसन्न होकर कहा कि इस मूषक को मै अपना वाहन बना लेता हूँ ताकि आपकी परेशानी समाप्त हो जाये |

गणेशजी ने अपना पाश उस मूषक पर फेंका जिसमे जकड़ जाने से वह बहुत व्याकुल हो गया | जब उसे भगवान गजानन के सामने लाया गया तो उसने भगवान से बड़ी अनुनय-विनय की | इसपर भगवान ने उसपर प्रसन्न होकर उससे वर मांगने के लिए कहा | मूषक को अभिमान हो गया | उसने उल्टे गणेशजी से ही कहा कि मुझे किसी वर की आवश्यकता नही है | आप चाहें तो मुझसे वर मांग लें |

गणेशजी ने कहा कि यदि तू चाहता है कि मै तुझसे वर मांग लूं तो तू मेरा वाहन बन जा | मूषक ने तथास्तु कहा तो गणेशजी तुरन्त उसपर सवार हो गये | वह जब गणेशजी का भार सहन न कर पाया तो उसने बड़ी अनुनय-विनय की कि प्रभु आप हल्के हो जाएँ ताकि मै आपका वजन सहन कर सकूं |

गणेशजी ने अपना वजन घटा लिया और मूषक हमेशा के लिए उनका वाहन बन गया | इस प्रकार महर्षि पराशर की समस्या समाप्त हुई और गणेशजी को अपना वाहन(vahan) मिल गया | तो ये है गणेश जी के वाहन मूषक का रहस्य(Ganesh Ji Ke Vahan Mushak Ka Rahasya)

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