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क्या एक अंगूठी पहनने से हमारा भाग्य बदल सकता है

क्या एक अंगूठी पहनने से हमारा भाग्य बदल सकता है

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क्या एक अंगूठी पहनने से हमारा भाग्य बदल सकता है. क्या पुखराज या कोई अन्य रत्न पहनने से हमारा भाग्य बदल सकता है, क्या किसी मेटल जैसे पीतल, अष्टधातु या ताम्बे की अंगूठी पहनने से भाग्य बदल सकता है. इस प्रश्न का उत्तर है -नहीं. तो क्या हमें कोई भी अंगूठी पहनने से कोई लाभ नहीं होता , उत्तर है -होता है. पर कैसे , इसी विषय पर हम आगे बात करने वाले हैं, अंत तक बने रहिये इसको विस्तार से जानने के लिए. नमस्कार, ज्योतिश्युग एस्ट्रो सोलुसंस में आपका स्वागत है. https://jyotishshop.com/shop/rings/naav%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b5-ki-keel%e0%a4%95%e0%a5%80%e0%a4%b2-ka-challa%e0%a4%9b%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%be-100-original/ तो चलिए आगे बढ़ते हैं. आपने अक्सर किसी वीडियो में या किसी विज्ञापन में देखा होगा की इस अंगूठी को पहनने मात्र से आपका भाग्य बदल जायेगा या आपके सारे रुके हुए काम बन जायेंगे....
क्या ज्योतिष एक वैज्ञानिक अनुशासन है? एक गहन विश्लेषण

क्या ज्योतिष एक वैज्ञानिक अनुशासन है? एक गहन विश्लेषण

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  क्या ज्योतिष एक वैज्ञानिक अनुशासन है? एक गहन विश्लेषण भूमिका ज्योतिष एक प्राचीन प्रणाली है जो खगोलीय पिंडों की गति और उनके प्रभावों का अध्ययन करती है। इसे विभिन्न संस्कृतियों में व्यापक स्वीकृति मिली है, विशेष रूप से भारतीय परंपरा में, जहाँ यह व्यक्तिगत और सामाजिक निर्णयों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, यह विचारणीय प्रश्न है कि क्या ज्योतिष को एक विज्ञान के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। इस विश्लेषण में, हम ज्योतिष की वैज्ञानिक वैधता, इसके प्रभावों और आलोचनाओं की विस्तार से समीक्षा करेंगे। ज्योतिष का समालोचनात्मक मूल्यांकन: दस प्रमुख बिंदु 1. ज्योतिष का मूल सिद्धांत ज्योतिष खगोलीय पिंडों की गति और मानव जीवन पर उनके संभावित प्रभावों का अध्ययन करता है। यह प्रणाली सदियों से विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भों में विकसित हुई है, जिसमें व्यक्ति की जन्म कुंड...
मूर्ति पूजा का रहस्य(Murti Pooja Ka Rahasya)

मूर्ति पूजा का रहस्य(Murti Pooja Ka Rahasya)

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मूर्ति पूजा का रहस्य(Murti Pooja Ka Rahasya) मूर्ति पूजा हमेशा से एक चर्चा का विषय रहा है | कई शताब्दियों से मूर्ति पूजा हमें करनी चाहिए या नहीं, इस पर सभी के अलग-अलग मत रहे हैं | कोई कहता है कि मूर्ति तो पत्थर की होती है | और पत्थर को पूजने से क्या फायदा | ईश्वर को मन से याद करना चाहिए | तो कुछ लोग कहते हैं कि ईश्वर को मन से याद करना तो ठीक है लेकिन फिर पूजा-पाठ कैसे करेंगे | अगर मूर्ति पूजा करने से कोई फायदा नहीं होता तो फिर इतने सारे मंदिर क्यों बनाये गए हैं | https://jyotishshop.com/shop/murti/vishnu-laxmi-murti-in-brass-size-110x75-mm/ किसी का भी मत कुछ भी रहा हो , पर प्रश्न ये है कि क्या वाकई में मूर्ति पूजा करनी चाहिए या नहीं | तो इस प्रश्न का उत्तर है कि हाँ आज के समय में मूर्ति पूजा जरुर करनी चाहिए | यहाँ पर मैंने आज के समय में क्यों कहा , इसे हम आगे जानेंगे | अगर कुछ ल...
Ganesh Ji Ke Vahan Mushak Ka Rahasya (गणेशजी के वाहन मूषक का रहस्य)

Ganesh Ji Ke Vahan Mushak Ka Rahasya (गणेशजी के वाहन मूषक का रहस्य)

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Ganesh Ji Ke Vahan Mushak Ka Rahasya (गणेशजी के वाहन मूषक का रहस्य)- एक बार अमरावती में देवताओं की सभा हो रही थी | देवराज इन्द्र राज सिंहासन पर विराजमान थे | उस सभा में गन्धर्व राज क्रौच भी उपस्थित थे | किसी आवश्यक कार्यवश उन्हें सभा से जाना पड़ा | शीघ्रता के कारण गलती से उनका पाँव वहां बैठे महर्षि वामदेव से छू गया | https://jyotishshop.com/shop/pendant/high-quality-panchdhatu-munga-ganesh-locket%e0%a4%aa%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%81-%e0%a4%ae%e0%a5%82%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%a3%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%b2/ वामदेव ने इसे अपना अपमान समझा और क्रोधवश तुरन्त शाप दे दिया कि हे मूर्ख गन्धर्व तू इतना मदमस्त हो रहा है कि तूने शांत बैठे मुनि को लात मार दी | तू मूषक बन जा | श्राप सुनकर गन्धर्वराज भयभीत हुआ तथा मुनि के सामने रोने और गिडगिडाने लगा | ...
हमारी ऊर्जा

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महत्वपूर्ण, हमारी ऊर्जा
ऊर्जा जीवन का केंद्र बिंदु है | इस संसार में हर एक वस्तु ऊर्जा से ही संचालित होती है | यदि ऊर्जा नहीं होगी तो ये संसार ही समाप्त हो जायेगा |  ऊर्जा दो प्रकार की होती है |- सकारात्मक ऊर्जा यानि पॉजिटिव इनर्जी या विश्व शक्ति  और नकारात्मक ऊर्जा यानि नेगेटिव इनर्जी | सकारात्मक ऊर्जा से हम संचालित होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा हमारा पतन कर देती है | आध्यात्म के सन्दर्भ में बात करें तो आदिशक्ति, माँ दुर्गा ऊर्जा का ही स्वरुप हैं | आदिशक्ति से ही इस संसार का प्रारंभ हुआ |  इस संसार में हर एक प्राणी में अलग-अलग ऊर्जा की मात्रा है | जिससे वो संचालित होता है | जब हमारी ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है तो हम थक जाते हैं फिर जब हम सोते हैं | तो फिर से ऊर्जा स्तर बढ़ जाता है | हम फिर से ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं अपने को | हम फिर से चार्ज हो जाते हैं | हमारे साथ जो भी घटित हो रहा है वो हमारे अन्दर की ऊर...
हमारे ग्रह

हमारे ग्रह

महत्वपूर्ण, हमारे ग्रह
वैसे तो बहुत सारे ग्रह हमारे सौर मंडल में हैं ,परन्तु नौ ग्रह ऐसे हैं जिनका प्रभाव हमारे ऊपर सबसे ज्यादा पड़ता है | वो ग्रह हैं -- सूर्य , चन्द्र , शनि , शुक्र , मंगल , गुरु , बुध , राहु , केतु | हमारा जीवन इन्ही नौ ग्रहों से संचालित होता है | हर ग्रह से जीवन के अलग-अलग पहलुओं का विचार किया जाता है | हर ग्रह हमारे जीवन के अलग-अलग कर्मों को संचालित करता है | आईये जाने किस ग्रह से क्या विचार किया जाता है | सूर्य :- सूर्य से पिता सुख विचार किया जाता है | चन्द्र :- चन्द्र से माता सुख विचार किया जाता है | मंगल :- मंगल से भाई का विचार किया जाता है | बुध :- बुध से मामा का विचार किया जाता है | गुरु :- गुरु से पुत्र का विचार किया जाता है | शुक्र :- शुक्र से स्त्री का विचार किया जाता है | शनि :- शनि से मृत्यु का विचार किया जाता है | राहु और केतु :- ये दोनों छाया ग्रह हैं और अ...