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साढ़े साती शनि- कब और कहाँ रहता है(Saadhe saati shani – kab aur kahan rahta hai)

साढ़े साती शनि- कब और कहाँ रहता है(Saadhe saati shani – kab aur kahan rahta hai)

Saadhe saati shani kab aur kahan rahta hai साढ़े साती कुल 2700 दिन की होती है |

दिनों के हिसाब से साढ़े सात वर्ष की अवधि में सामान्तया शनि के शुभ और अशुभ प्रभाव इस प्रकार हैं | 

100 दिन : शनि मुख पर रहता है | यह समय जातक के लिए हानिकारक रहता है |
101 से 500 : अर्थात 400 दिन | इस अवधि में शनि दायीं भुजा पर रहता है |
यह समय विजयप्रदायक , लाभदायक एवं सफ़लता दिलाने वाला होता है |
501 से 1100 दिन : मतलब 600 दिन | यह समय यात्राकारक रहता है , क्योंकि शनि पैरों पर रहता है |
यात्रायें लाभदायक या हानिकारक हो सकती हैं | इसका निर्णय जन्मकुंडली में स्थित शनि कि शुभ -अशुभ स्थिति पर निर्भर करता है |
1100 से 1600 दिन : यानी 500 दिन | इस अवधि में शनि पेट पर रहता है |
यह समय भी लाभदायक ,सफलता दिलाने वाला होता है |
1601 से 2000 दिन : यह अवधि कुल 400 दिन की है | इस समय शनि बायीं भुजा पर रहता है
यह  समय जातक को रोग ,कष्ट ,दुःख और हानि देता है |
2001 से 2300 दिन : अर्थात 300 दिन | शनि मस्तक पर रहता है |
यह समय लाभदायक रहता है | सरकारी कार्यों में सफ़लता मिलती है |    
2301 से 2500 दिन : शनि नेत्र पर 200 दिन की अवधि तक रह कर जातक को उन्नति एवं सौभाग्य देता है |

2501 से 2700 दिन : मतलब 200 दिन | शनि गुदा पर स्थित रहता है |

यह समय बहुत अशुभ रहता है, विशेषकर शारीरिक द्रष्टि से |

इस तालिका के अनुसार सामान्तया शनि की साढ़ेसाती का शुभ प्रभाव अधिक दिन रहता है ,अर्थात 1400 दिन , जबकि अशुभ प्रभाव केवल 700 दिन ही रहता है |

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